Saturday 29 October 2011

मानवता ही हर धर्म की पहचान है

मानवता ही हर धर्म की पहचान है 
मानवता ही मानवता की जान है


सत्य करुणा अहिंसा से होती दृढ 
सद्गुणों की मानवता ही खान है 


मन बुद्धि नहीं आत्मा हमारा स्वरुप
 बस इतना ही तो आत्मिक ज्ञान है 


जीवन गुज़र जाना है एक दिन 
कर्मों से होता हमारा मान है